जॉब पोस्ट: हम 3 साल के अनुभव वाले नए व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं?
क्या यह आपको अजीब लगता है?
आजकल ज्यादातर एम्प्लॉयर्स एप्लिकेंट में यही तलाशते हैं।
कॉर्पोरेट दुनिया में व्यापार और संगठन प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, इसलिए वे लोग चाहते हैं कि जो लोग भी जॉइन करते हैं, उनके पास पहले ही कौशल या ज्ञान हो, और ऐसे लोगों को नौकरी देना चाहते हैं। लेकिन यह कैसे संभव है?
आज के तेजी से बदलते पेशेवर माहौल में, भारत में हाई स्कूल के छात्रों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण का महत्व बहुत बढ़ा है। व्यावसायिक प्रशिक्षण स्टूडेंट्स को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार विशेषज्ञ कौशल और ज्ञान प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण रास्ता प्रदान करता है, क्योंकि शिक्षा का उद्देश्य एक बढ़ते हुए प्रतिस्पर्धी दुनिया की मांगों को पूरा करने में मदद करना है। व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शैक्षिक पढ़ाई से अलग होकर, स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल अनुभव और पेशेवर मार्गों के लिए समय पर प्रशिक्षण प्रदान करता है।
व्यावसायिक शिक्षा समस्या सुलझाने, सोचने और बदलते माहौल के साथ ढलने की क्षमता पर जोर देती है, जो किसी भी करियर में सफल होने के लिए जरूरी हैं। यह केवल तकनीकी कौशल नहीं सिखाती। व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दाखिला लेने से छात्रों को नौकरी पाने में मदद मिलती है और वे अपनी रुचियों और क्षमताओं को बेहतर समझ पाते हैं, जिससे वे अपने भविष्य के बारे में सही फैसले ले सकते हैं।
वोकेशनल एजुकेशन और प्रशिक्षण वह शिक्षा है जो छात्रों को उन नौकरियों के लिए तैयार करती है जिनमें उन्हें विशेष प्रशिक्षण और निर्देश की जरूरत होती है। ये शिक्षा परंपरागत रूप से non-academic होती है और किसी विशेष कौशल, व्यवसाय या काम से संबंधित होती है, जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, नर्सिंग, ब्यूटीशियन, शेफ, फैशन डिजाइन आदि। क्योंकि इसमें व्यक्ति को एक निश्चित तकनीक के साथ सीधे अनुभव मिलता है, इसलिए इसे तकनीकी शिक्षा भी कहते हैं। छात्र इस तरह के प्रशिक्षण से डिप्लोमा या प्रमाणपत्र भी प्राप्त कर सकते हैं।
भारत में विभिन्न वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीटूशन और कोर्सों के लिए योग्यता मानदंड
ये पाठ्यक्रम सामान्य, ऑनलाइन और दूरस्थ मोड में उपलब्ध हैं। छात्र विभिन्न क्षेत्रों में बी.वोक (B.Voc) या एम.वोक (M.Voc) कर सकते हैं। व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए पात्रता इस प्रकार है:
- यूजी (अंडरग्रेजुएट) के लिए: 10+2 में न्यूनतम 55% अंक।
- पीजी (पोस्टग्रेजुएट) के लिए: संबंधित विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री या पास यूनिवर्सिटी से स्पेसिफिक एंट्रेंस
वोकेशनल एजुकेशन और प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेंट का वेतन 1 लाख प्रति वर्ष (LPA) से 23 लाख प्रति वर्ष (LPA) तक हो सकता है।
ये कार्यक्रम कई वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीटूशन और स्कूलों द्वारा पेश किए जाते हैं। कुछ प्रमुख कॉलेज जो व्यावसायिक शिक्षा डिग्री प्रदान करते हैं उनमें नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC), पॉलिटेक्निक कॉलेज, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID), टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, और श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
भारत में वोकेशनल ट्रैंनिंग क्यों जरुरी है?
इस परिणाम से, जो वोकेशनल ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं, उन्हें रोजगार के मामले में काफी फायदा होता है। वोकेशनल एजुकेशन और कौशल अक्सर विदेशों में काम के अवसरों तक पहुंच सकते हैं। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो पहले से ही नौकरी करते हैं लेकिन अपनी करियर को आगे बढ़ाने के लिए नए कौशल सीखना चाहते हैं। वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में कोर्स हमेशा डिग्री कार्यक्रमों की तुलना में बहुत कम होते हैं, लेकिन यह सिखाये गए कौशल अत्यंत मूल्यवान और सहायक होते हैं। पेशेवर अपनी करियर को आगे बढ़ा सकते हैं और सफल हो सकते हैं। छात्र जो एकेडेमिक्स में कम रुचि रखते हैं या छोड़ने वाले हैं, वे अपनी रुचि के विषय में अपने कौशलों को सुधारने के लिए कई कोर्सों में से चुन सकते हैं। वोकेशनल एजुकेशन छात्रों को सफल करियर की शुरुआत करने में मदद कर सकती है।
रोजगार की तैयारी और जीवन भर की शिक्षा
विभिन्न उद्योगों में नियोक्ताओं को कौशल और ज्ञान प्रदान करने के लिए ट्रेनिंग संगठन पर निर्भर है। ये ट्रेनिंग संगठन कर्मचारियों को प्रशिक्षित करके नियोक्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
कॉलेज स्तर पर पढ़ाई कर रहे छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीटूट्स के कार्यक्रमों में शामिल होने की जरूरत नहीं होती है। यह कंपनी के पैसे बचाता है जो ट्रैंनिंग पर खर्च होते हैं। दुनिया भर में विभिन्न उद्योगों में प्रशिक्षित विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। योग्य श्रम समाज और राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए फायदेमंद है। यदि देश में पर्याप्त प्रशिक्षित लोग होते हैं, तो विदेशी देशों से अधिक वेतन पर वर्कर्स को आयात करने की आवश्यकता कम होगी। कई इंडिरेक्ट बेनिफिटस होते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में वोकेशनल ट्रेनिंग स्टूडेंट्स का आत्मविश्वास बढ़ाता है क्योंकि वे विशेषज्ञ व्यवसायों के लिए अच्छी तरह से तैयार और प्रशिक्षित होते हैं। यह नौकरी में भी सुधार करता है और उच्च उत्पादकता की ओर ले जाता है।
निष्कर्ष:
शिक्षा अंकों, पदों और ग्रेडों से अधिक है। यह एक मजबूत हथियार है जो हमें एक बेहतर भविष्य को आकार देता है। इसलिए, रूढ़िवादिता को तोड़ना और मौजूदा शिक्षा प्रणाली के परे जाना जरूरी है, जो केवल सिद्धांत और रटलेखन पर ध्यान केंद्रित करती है। इसके बजाय, अब समय आ गया है कि बच्चों को आज़ाद किया जाए और उन्हें यह पता लगाने दिया जाए कि उनके लिए सबसे अच्छा क्या है। अब समय आ गया है कि हम वोकेशनल शिक्षा के महत्व को पहचानें और कल के उज्ज्वल भविष्य के लिए, देश के उभरते युवाओं को अपनी प्रतिभा के बारे में पहले से ही बताएं। यह केवल वोकेशनल शिक्षा से ही संभव है जो शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन ला सकती है, बच्चों को उनके सपनों के करियर को आगे बढ़ाने में सहायता कर सकती है और कम उम्र से ही नौकरी के लिए तैयार कर सकती है।
भारत में हाई स्कूल के छात्रों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग (व्यावसायिक प्रशिक्षण) का महत्व बहुत बड़ा है। यह विभिन्न प्रकार की शिक्षण शैलियों को ध्यान में रखते हुए, उद्योग की मांगों को पूरा करने, प्रैक्टिकल स्किल्स (व्यावहारिक कौशल) विकसित करने और करियर की तैयारी को बढ़ावा देने में मदद करता है। इक्कीसवीं सदी के कार्यबल में सफल होने के लिए छात्रों को तैयार करने में वोकेशनल एजुकेशन (व्यावसायिक शिक्षा) बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्यावहारिक शिक्षण अनुभव, उद्योग-प्रासंगिक कौशल और सार्थक रोजगार के रास्ते प्रदान करता है। वोकेशनल ट्रेनिंग छात्रों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने और उद्देश्य के साथ अपने जुनून को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
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