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दुनिया की टॉप 10 कांस्पीरेसी थ्योरी जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे!

विश्व की प्रसिद्ध कांस्पीरेसी थेओरीज़

रोचक सिद्धांत, षड्यंत्र, अलौकिक शक्तियां

Posted
Jul 24, 2024

साजिश या संयोग ?

विश्व भर में कुछ कहानिया ऐसी हैं जिनके घटना या स्थिति के पीछे एक गुप्त योजना या साजिश होने का अनुमान है परन्तु यह सच हैं या केवल अनुमान यह कहना मुश्किल ह।  ऐसी कहानियों को कांस्पीरेसी थेओरीज़ कहा जाता है । इनमें आमतौर पर यह कहा जाता है कि सरकार, बड़े संगठन, या अन्य शक्तिशाली लोग जानबूझकर कुछ छिपा रहे हैं या लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ये थ्योरीज़ बिना ठोस प्रमाण के होती हैं और अक्सर अफवाहों या असत्य जानकारी पर आधारित होती हैं।

 

  1. सिम्पसन की साजिश की थ्योरीज़: एक नज़र

द सिम्पसन्स (The Simpsons) एक प्रसिद्ध अमेरिकी एनिमेटेड टीवी शो है जो 1989 से चल रहा है। यह शो अपनी मजेदार कहानियों और चुटकुलों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके साथ ही यह कुछ थ्योरीज़ के कारण भी चर्चित है।

सिम्पसन्स शो ने 2000 में एक एपिसोड में डोनाल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति के रूप में दिखाया था, जो कई सालों बाद सच साबित हुआ। इस एपिसोड में ट्रम्प को अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में देखा गया था, और बाद में 2016 में वे सच में US के राष्ट्रपति बने। यह भविष्यवाणी देखकर लोग हैरान रह गए क्योंकि इस शो ने कई साल पहले ही एक ऐसा दृश्य दिखा दिया था जो बाद में वास्तविकता में बदल गया। यह घटना सिम्पसन्स की भविष्यवाणी करने की क्षमता के रूप में देखी जाती है। सिम्पोस से जुड़े ऐसे और भी उद्धरण है जो सबको हैरान कर कर रहे और यह मैंने पर मजबूर कर रहे है की इसके लेखक एक टाइम ट्रैवलर है।

 

विश्व की प्रसिद्ध कांस्पीरेसी थेओरीज़

 

2. 

  1. लाल बहादुर शास्त्री की साजिश की थ्योरी

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, लाल बहादुर शास्त्री, का 1966 में ताशकंद में निधन हो गया था। उनकी मृत्यु को लेकर कई कांस्पीरेसी थ्योरीज़ प्रचलित हैं। आधिकारिक तौर पर उनकी मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया, लेकिन कई लोग इस पर सवाल उठाते हैं।

संदेह और सवाल

कुछ लोग मानते हैं कि शास्त्री जी की मौत प्राकृतिक नहीं थी, बल्कि उन्हें जहर देकर मारा गया था। उनके परिवार और समर्थकों का कहना है कि उनकी मृत्यु के बाद कोई पोस्टमार्टम नहीं हुआ, जिससे शक और बढ़ गया। शास्त्री जी की पत्नी ने भी यह दावा किया कि उनके शरीर पर नीले निशान थे, जो जहर देने के संकेत हो सकते हैं।

राजनीतिक षड्यंत्र

कई लोगों का मानना है कि उनकी मृत्यु के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र था। यह भी कहा जाता है कि शास्त्री जी के ताशकंद समझौते के बाद कुछ ताकतें उनकी लोकप्रियता से डर गई थीं और उन्होंने इस षड्यंत्र को अंजाम दिया।

सच्चाई का अभाव

इन सभी थ्योरीज़ का कोई ठोस प्रमाण नहीं है और आज भी उनकी मृत्यु एक रहस्य बनी हुई है। सरकार और कई विशेषज्ञों ने इन दावों को बेबुनियाद बताया है।


विश्व की प्रसिद्ध कांस्पीरेसी थेओरीज़

 

3. नील आर्मस्ट्रांग का चंद्रमा पर कदम

नील आर्मस्ट्रांग, जो चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे, उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि को लेकर भी कई थ्योरीज़ हैं। 1969 में अपोलो 11 मिशन के दौरान नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखा, लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि यह सब एक बड़ा धोखा था।

 

 चंद्रमा की लैंडिंग का धोखा

थ्योरी के समर्थकों का दावा है कि नासा ने चंद्रमा की लैंडिंग को स्टूडियो में फिल्माया था। उनके अनुसार, यह सब एक गुप्त योजना थी ताकि अमेरिका अंतरिक्ष की दौड़ में सोवियत संघ से आगे निकल सके।

प्रमाण और सवाल

इस थ्योरी के समर्थकों का कहना है कि चंद्रमा की तस्वीरों और वीडियो में कई अनियमितताएँ हैं, जैसे कि झंडा हवा में लहराता हुआ दिखाई देना, जबकि चंद्रमा पर हवा नहीं है। वे यह भी दावा करते हैं कि चंद्रमा की सतह पर कोई तारे नहीं दिखते, जो उन्हें संदेहास्पद लगता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इन दावों को खारिज करते हैं। उनके अनुसार, ये अनियमितताएँ फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग की तकनीकी सीमाओं के कारण हैं। नासा ने भी इस मिशन के बारे में पर्याप्त सबूत और गवाह प्रस्तुत किए हैं, जो इस साजिश की थ्योरी को गलत साबित करते हैं।

 

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4. बुराड़ी मौतों की कहानी

2018 में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक परिवार के 11 सदस्य एक ही रात में मृत पाए गए। यह घटना बहुत ही रहस्यमय और डरावनी थी। इस घटना के पीछे कई साजिश की थ्योरीज़ सामने आई हैं।

 

रहस्यमय मौतें

परिवार के सदस्यों को एक ही रात में फांसी पर लटका हुआ, बंधा हुआ और मुंह में कपड़ा ठूसा हुआ पाया गया। शव एक गोल घेरे में थे, जो बेहद अजीब और डरावना था। इससे लोगों को यह शक हुआ कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है।

कई लोग मानते हैं कि यह मौतें एक धार्मिक या तांत्रिक अनुष्ठान के तहत की गईं। इसके समर्थकों का कहना है कि परिवार ने किसी गुप्त पूजा या तंत्र-मंत्र के लिए आत्महत्या की। कुछ का कहना है कि परिवार के सदस्य मानसिक रूप से प्रभावित थे और किसी धार्मिक नेता या समूह द्वारा उन्हें इस स्थिति में लाया गया था।

जांच और निष्कर्ष

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने बुराड़ी में चुंडावत परिवार के 11 सदस्यों की मौत के मामले को बंद कर दिया है। पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन मौतों में किसी तरह का खेल नहीं था और यह सभी मौतें परिवार के आत्महत्या के समझौते की वजह से हुईं।

जांच में पाया गया कि परिवार के सदस्यों ने पहले ही एक नोट छोड़ा था, जिसमें वे एक धार्मिक अनुष्ठान की बात कर रहे थे। हालांकि, इस नोट और घटनाओं के कारण कई सवाल उठे हैं और साजिश की थ्योरीज़ बनी हुई हैं।

 

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  1. बर्मूडा ट्रायंगल

बर्मूडा ट्रायंगल, जिसे डेविल्स ट्रायंगल भी कहते हैं, एक बहुत ही रहस्यमय जगह है। यह अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट पर, अटलांटिक महासागर में, बरमूडा, फ्लोरिडा और पुएर्तो रिको के बीच स्थित है। यहाँ कई जहाज और विमान अजीब तरीके से गायब हो चुके हैं। इस डेविल्स ट्रायंगल को हजारों लोगों के गायब होने के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है।

 

थ्योरीज़

  • एलियन की साजिश: कुछ लोग मानते हैं कि बर्मूडा ट्रायंगल में एलियन रहते हैं और ये एलियन जहाजों और विमानों को गायब कर देते हैं। इस थ्योरी के अनुसार, एलियन के साथ संपर्क होने की वजह से ये रहस्यमय घटनाएँ होती हैं।
  • सुपरनैचुरल शक्तियाँ: एक और थ्योरी कहती है कि इस क्षेत्र में कोई सुपरनैचुरल शक्ति या अदृश्य ऊर्जा का केंद्र है, जो सब कुछ गायब कर देती है। इससे जुड़े लोग मानते हैं कि यहाँ पर ऐसी शक्तियाँ हैं जो हमारी समझ से बाहर हैं।
  • गुप्त समुद्री शहर: कुछ का कहना है कि बर्मूडा ट्रायंगल के नीचे एक प्राचीन और गुप्त समुद्री शहर है, जिसका नाम अटलांटिस है। इस शहर के कारण होने वाली घटनाओं को समझा नहीं जा सकता, इसलिए ये चीजें गायब हो जाती हैं।
  • एक धूमकेतु (Comet): कुछ लोग मानते हैं कि हजारों साल पहले एक धूमकेतु अटलांटिक में समाप्त हो गया था, जहाँ बर्मूडा ट्रायंगल स्थित है। इससे इस क्षेत्र की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रॉपर्टीज में बदलाव आया होगा, जिससे जहाजों और विमानों के नेविगेशनल उपकरण प्रभावित हुए होंगे।

 

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का कहना है कि बर्मूडा ट्रायंगल के पीछे की कांस्पीरेसी साजिश की थ्योरीज़ में कोई सच्चाई नहीं है। उनके अनुसार, इस क्षेत्र में होने वाली घटनाएँ प्राकृतिक कारणों से होती है जैसे की खराब मौसम, समुद्री तूफान & मानव गलतियां

 

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6. कोहिनूर हीरा की साजिश की थ्योरी

कोहिनूर हीरा एक प्रसिद्ध और बहुत मूल्यवान हीरा है, जो आज ब्रिटेन के किंग्स काउंटी संग्रहालय में रखा हुआ है। इसके बारे में कई थ्योरीज़ प्रचलित हैं। चलिए जानते हैं इन थ्योरीज़ के बारे में और कितनी सच हैं।

कोहिनूर हीरा दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक है। इसका इतिहास बहुत लंबा और उलझा हुआ है। एक कहानी के अनुसार, इस हीरे में एक शाप है जो पुरुष मालिकों के लिए दुर्भाग्य लाता है, जबकि महिला मालिकों को शक्ति और खुशकिस्मती देता है।

कहानियाँ कहती हैं कि कोहिनूर हीरे के साथ बहुत सी हिंसक घटनाएँ जुड़ी हैं। लोग कहते हैं कि यह हीरा भारत से चोरी हुआ और जिन साम्राज्यों ने इसे रखा, उनका पतन हो गया। उनका मानना है कि इस हीरे के मालिकों को हमेशा परेशानियाँ और मुसीबतें झेलनी पड़ी हैं।

 

विश्व की प्रसिद्ध कांस्पीरेसी थेओरीज़

 

7. ताजमहल के नीचे शिवलिंग

भारत में एक प्रचलित साजिश की थ्योरी यह दावा करती है कि ताजमहल, जो दुनिया के सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है, मूल रूप से वंहा भगवान शिव का एक हिंदू मंदिर था। इस थ्योरी के समर्थक कहते हैं कि ताजमहल के नीचे एक शिवलिंग (भगवान शिव का प्रतीक) छुपा हुआ है।

यह कहानी अक्सर देशभक्ति से जुड़ी होती है और इतिहास को बदलने की कोशिश मानी जाती है। लेकिन इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने बार-बार इन बातों को गलत बताया है। उनके अनुसार, ताजमहल 17वीं सदी में मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल की याद में एक मकबरे के रूप में बनवाया था। इस बात के कई दस्तावेज भी हैं।

विश्व की प्रसिद्ध कांस्पीरेसी थेओरीज़

 

 

8. मदर टेरेसा की असली पहचान

मदर टेरेसा एक प्रसिद्ध समाजसेवी थीं, जिन्होंने अपना जीवन गरीब, बीमार और बेसहारा लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनका असली नाम एग्नेस गोंझा बोयाजियू था, लेकिन उन्हें दुनिया भर में मदर टेरेसा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक संस्था की स्थापना की, जिसका उद्देश्य जरूरतमंदों की सेवा करना था। मदर टेरेसा को उनके महान कार्यों के लिए 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

मदर टेरेसा की महानता के बावजूद, उनके बारे में कुछ कांस्पीरेसी थेओरीज़ भी प्रचलित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख थ्योरीज़ निम्नलिखित हैं:

  • धर्म परिवर्तन का आरोप:

कुछ आलोचक मानते हैं कि मदर टेरेसा का असली उद्देश्य गरीबों और बीमारों की मदद करने के बजाय उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करना था। उनके अनुसार, मदर टेरेसा ने अपने अस्पतालों और सेवा केंद्रों में लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।

गुप्त एजेंट का दावा: कुछ लोग मानते हैं कि मदर टेरेसा पश्चिमी ताकतों के लिए गुप्त एजेंट थीं और उनका असली उद्देश्य भारत में पश्चिमी हितों को बढ़ावा देना था।

विवाद और सच्चाई : मदर टेरेसा की मिशनों में दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता और दान के प्रबंधन को लेकर विवाद भी रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि उनकी मिशनों में सही इलाज नहीं मिलता था और दान का पैसा सही ढंग से नहीं इस्तेमाल होता था।

हालांकि, अधिकतर इतिहासकार और जीवनी लेखक मानते हैं कि मदर टेरेसा की गरीब और बीमार लोगों की सेवा के प्रति निष्ठा सच्ची थी, भले ही उनके तरीकों पर कुछ सही आलोचनाएं हों।

 

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9. इलुमिनाती की दुनिया

इलुमिनाती एक गुप्त समाज है जिसके बारे में कई साजिश की थ्योरीज़ प्रचलित हैं। इस थ्योरी के अनुसार, इलुमिनाती एक ताकतवर समूह है, जो दुनिया की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को नियंत्रित करता है। उनका कहना है कि यह समूह सरकारों, अर्थव्यवस्थाओं और लोकप्रिय संस्कृति को अपने हिसाब से चलाता है ताकि एक नई विश्व व्यवस्था (New World Order) स्थापित कर सके।

  • दुनिया की घटनाओं पर नियंत्रण: इस थ्योरी के समर्थकों का मानना है कि इलुमिनाती के सदस्य दुनिया के सबसे ताकतवर और प्रभावशाली लोग होते हैं। वे सरकारों के निर्णयों से लेकर बड़े आर्थिक सौदों और यहां तक कि युद्धों को भी नियंत्रित करते हैं।

 

  • प्रतीकों का उपयोग: इलुमिनाती के प्रभाव को साबित करने के लिए थ्योरी के समर्थक कहते हैं कि वे इनके प्रतीक चिन्ह (symbols) को कार्पोरेट लोगो, म्यूजिक वीडियो और नोटों में देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिकी मुद्रा पर "होरस की आंख" और "पिरामिड" जैसे प्रतीक होते हैं। जब लोग ये प्रतीक टीवी या फिल्मों में देखते हैं, तो वे मान लेते हैं कि यह कंपनी या संगठन इलुमिनाटी से जुड़ा है।

 

  • प्रसिद्ध हस्तियों का संबंध: कुछ साजिश की थ्योरीज़ का दावा है कि प्रसिद्ध हस्तियाँ, जैसे कि संगीतकार, फिल्म अभिनेता, और बड़े व्यापारी, इलुमिनाती के सदस्य होते हैं। उनका कहना है कि इन हस्तियों का करियर और सफलता इलुमिनाती की मदद से ही संभव हुई है।

 

हालांकि, इस थ्योरी को लेकर कई लोग उत्सुक हैं, लेकिन इसके लिए कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत नहीं है। इतिहासकार और विशेषज्ञ यह मानते हैं कि ऐसी कोई गुप्त संस्था नहीं है जो दुनिया की सभी घटनाओं को नियंत्रित करती हो। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ और ताकतवर लोग वैश्विक मामलों पर असर डाल सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि एक गुप्त समाज सब कुछ चला रहा है।।

 

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10. टाइटैनिक के डूबने के पीछे की सच्चाई

टाइटैनिक एक बहुत ही प्रसिद्ध समुद्री जहाज था, जो 15 अप्रैल 1912 को एक दुखद दुर्घटना में डूब गया था। यह जहाज अपनी पहली यात्रा पर था और इसे दुनिया का सबसे सुरक्षित जहाज माना जाता था। लेकिन, उस रात हिमखंड से टकरा जाने के बाद, टाइटैनिक डूब गया, और इस घटना में 1,500 से अधिक लोगों की जान चली गई।

थ्योरी

टाइटैनिक के डूबने को लेकर कई साजिश की कहानियाँ भी फैली हुई हैं। इनमें से एक अजीब थ्योरी यह कहती है कि टाइटैनिक का डूबना एक बड़ा बीमा धोखाधड़ी था। इस थ्योरी के मुताबिक, टाइटैनिक नहीं बल्कि उसकी तरह दिखने वाला एक जहाज, ओलंपिक, जो पहले एक टकराव में खराब हो चुका था, वह डूबा था।

थ्योरी के समर्थकों का कहना है कि दोनों जहाजों को गुपचुप तरीके से बदल दिया गया ताकि व्हाइट स्टार लाइन टाइटैनिक के बीमा पर पैसा ले सके। उनके अनुसार, जहाजों के कुछ हिस्सों में अंतर था और आखिरी समय में क्रू के बदलाव भी संदिग्ध थे।

हालांकि, इतिहासकारों और टाइटैनिक के विशेषज्ञों ने इस थ्योरी को खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया है कि टाइटैनिक के डूबने के लिए ठोस सबूत हैं, जैसे कि जहाज के मलबे में मिले अद्वितीय हिस्से और दस्तावेज। इन सबूतों ने यह साबित कर दिया कि टाइटैनिक ही डूबा था और यह साजिश की कहानी पूरी तरह से गलत है।

इस प्रकार, टाइटैनिक की डूबने की घटना एक ऐतिहासिक सच है और इसके साथ जुड़ी साजिश की कहानियाँ केवल कल्पना पर आधारित हैं।

 

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निष्कर्ष

कांस्पीरेसी थ्योरीज़ अक्सर जटिल या दुखद घटनाओं को समझने की कोशिश में बनती हैं। लोग सत्ता पर सवाल उठाने या बिना मतलब की घटनाओं में कोई पैटर्न खोजने की कोशिश करते हैं। सरकारी बयान पर शक करना सही है, लेकिन इन थ्योरीज़ को सही सोच और ठोस सबूत के साथ देखना भी जरूरी है।

कई साजिश की थ्योरीज़ इसलिए चलती रहती हैं क्योंकि वे हमारी जिज्ञासा को शांत करती हैं और हमें छिपी हुई जानकारी का पता लगाने की चाहत देती हैं। ये थ्योरीज़ कभी-कभी मजेदार होती हैं, लेकिन सच्चाई और कल्पना के बीच का फर्क समझना ज़रूरी है। ज़्यादातर मामलों में, सच्चाई थ्योरीज़ से कम सनसनीखेज होती है, लेकिन उतनी ही दिलचस्प होती है।

जैसे-जैसे नए रहस्यों और अज्ञात घटनाओं का सामना होगा, कांस्पीरेसी थेओरीज़ भी बनती रहेंगी। इन थ्योरीज़ को खुले मन से, सही सोच और ठोस प्रमाण के साथ समझकर, हम अपनी कल्पना को तो उत्तेजित कर सकते हैं, लेकिन हकीकत से दूर नहीं होंगे।

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